ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर पूर्णिमा (Phalguna Purnima) तक 8 ग्रह क्रमश: उग्र रहते हैं. इन ग्रहों में सूर्य, चंद्रमा, शनि, शुक्र, गुरु, बुध, मंगल और राहु शामिल हैं. इन ग्रहों के उग्र रहने से मांगलिक कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इस वजह से मांगलिक कार्य नहीं करते हैं. आइए जानते हैं कि होलाष्ट में किन-किन कार्यों को नहीं करना चाहिए -
Holashtak 2022: कब से प्रारंभ हो रहा है होलाष्टक? इस दौरान क्यों नहीं होते मांगलिक कार्य?
होलाष्टक में वर्जित कार्य
1. होलाष्टक में कभी भी विवाह, मुंडन, नामकरण, सगाई समेत 16 संस्कार नहीं करने चाहिए.
2. फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लेकर पूर्णिमा के मध्य किसी भी दिन नए मकान का निर्माण कार्य प्रारंभ न कराएं और न ही गृह प्रवेश करें
3. होलाष्टक के दिनों में नए मकान, वाहन, प्लॉट या दूसरे प्रॉपर्टी की खरीदारी से बचने की सलाह दी जाती हैं
4. होलाष्टक के समय में कोई भी यज्ञ, हवन आदि कार्यक्रम नहीं करना चाहिए. उसे होली बाद या उससे पहले कर सकते हैं.
5. ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, होलाष्टक के समय में नौकरी परिवर्तन से बचना चाहिए. नई जॉब ज्वाइन करनी है, तो उसे होलाष्टक के पहले या बाद में करें. यदि अत्यंत ही आवश्यक है, तो कुंडली के आधार पर किसी ज्योतिषाचार्य की सलाह ले सकते हैं।
6. होलाष्टक के समय में कोई भी नया बिजनेस शुरु करने से बचना चाहिए. इस समय में ग्रह उग्र होते हैं. नए बिजनेस की शुरुआत के लिए यह समय अच्छा नहीं माना जाता है. ग्रहों की उग्रता के कारण बिजनेस में हानि होन का डर रहता है.
होलाष्टक के समय में आप भगवान के भजन, कीर्तन, पूजा पाठ जैसे कार्य कर सकते हैं. इनके लिए कोई मनाही नहीं होती है. आप अपने उग्र ग्रहों की शांति के लिए उपाय कर सकते है
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