Somvati Amavasya 2020: धर्म के अनुसार सावन मास के हर सोमवार का बहुत ही बड़ा महत्व होता है लेकिन आज का सोमवार (20 July 2020) बन रहे संयोग के कारण अधिक फल देने वाला है
मान्यता हे कि देवताओं ओर असुरों के बीच समुद्र मंथन से निकले विष का पान भगवान शिव ने किया था ताकि उस का प्रभाव समस्त सृष्टि पर न पड़े |विष के पीने से भगवान शिव के शरीर का ताप अधिक बढ़ गया था | तब देवताओं ने भगवान शिव के ताप को शांत केरने के लिए उन पर जल की बौछारें डाली थी | उस समय सावन था तभी से हर वर्ष सावन के महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक केरने की परंपरा है |
इस वर्ष सोमवार और सोमवती अमावस्या तिथि २० वर्षों के बाद एक दिन पड़ी है, इस से पहले ऐसा संयोग 31 July 2000 को बना था | इस सोमवार को भगवान शिव संग देवी पार्वती , गणेश जी, कार्तिकेय जी और नंदी की पूजा की जाती है |
आज के दिन कर्क राशि के स्वामी चंद्र, कन्या राशि के स्वामी बुध, धनु राशि के स्वामी गुरु, वर्षभ राशि के स्वामी शुक्र और मकर राशि के स्वामी शनि अपनी-अपनी राशियों में रहेंगे | ग्रहों की इस स्थिति का शुभ प्रभाव इन राशियों पर पड़ रहा है |
अमावस्या के दिन किए गए तर्पण और गंगा स्नान का अपना ही महत्व होता हे और लोग इस दिन किए गए दान धर्म के कार्यों से अपने लिए अक्षय फल प्राप्त कर सकते हैं |
सोमवती अमावस्या मुहूर्त
अमावस्या तिथि प्रारम्भ - 20 जुलाई की रात 12 बजकर 10 मिनट पर
अमावस्या तिथि समाप्त - 20 जुलाई की रात 11 बजकर 02 मिनट पर
सोमवती/हरियाली अमावस्या पूजा विधि: इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। पितरों के निमित्त तर्पण करें। इस दिन कई जगह उपवास भी रखा जाता है। जरूरतमंद लोगों को दान-दक्षिणा दें। पीपल के वृक्ष की पूजा करें। हो सके तो इस दिन पीपल, बरगद, केला, नींबू या तुलसी के पेड़ का वृक्षारोपण जरूर करें। हरियाली अमावस्या के दिन नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां खिलाने की भी परंपरा है। इस तिथि को तर्पण, स्नान, दान आदि के लिये बहुत ही पुण्य फलदायी माना जाता है।
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